1- रत्नकोष| अष्टधातु अंगूठी | पारामणि अष्टधातु अंगूठी | एस्ट्रोलॉजी प्रोडक्ट ये पवित्रतम बहुमुल्य धातु अंगूठी के रूप मे पहनने पर भाग्योदय, कार्य सिद्धि और धन प्राप्ति के प्रबल मार्ग बनाती है। इसके अलावा कई प्रकार की बाधाओ जैसे के शत्रु बाधा, धन बाधा, कार्य बाधा आदि के निवारण करती है।
2- चप्पू वाली नाव (Roving Boat) की कील का एक धार्मिक महत्व भी है. मान्यताओं के अनुसार इसकी कील से बनी अंगूठी और ताबीज पहनने से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहते हैं साथ ही साथ इसकी कील से बनी अंगूठियों के पहनने से ग्रहों के दोष से भी छुटकारा मिलता है.
3- पारद संहिता के अनुसार, पारद मणि अंगूठी पहनने वाला कोई भी व्यक्ति पहन सकता है, क्योंकि पारद सभी ग्रहों पर शासन करता है और यह अंगूठी रत्नों के विकल्प के रूप में कार्य करती है। पारद क्राउन चक्र को ठीक करता है और संतुलित करता है। यह आशावाद और आशा को बढ़ावा देता है और सौभाग्य लाता है। यह नकारात्मकता की चेतना को साफ करता है और फोबिया शरीर को विभिन्न बीमारियों से ठीक करता है।
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अष्ट धातु कौन व्यक्ति पहन सकता है? अष्ट-धातु विशिष्ट फलदायी एवं नव ग्रहो को बल देने वाली धातु है साथ ही राहु के कष्ट्दायि कुप्रभावो को ख़त्म करती है, जीसे किसी भी राशि,धर्म ,लिंग का व्यक्ति पहन लाभ प्राप्त कर सकता है ।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अष्टधातु की अंगूठी पहनने से नवग्रहों का प्रभाव संतुलित होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता आती है। अष्टधातु की अंगूठी पहनने से व्यक्ति के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह आदि जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करती है।
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अष्टधातु से बनी अंगूठी नवग्रहों को संतुलित करती है. इस धातु का स्वामी चंद्रमा होता है. अगर आप अष्टधातु से बनी अंगूठी धारण करते हैं तो आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी, साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा. इसको पहनने से मन शांत रहेगा और नए विचार आएंगे.
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